
हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेला नियंत्रण भवन में उच्चाधिकारियों के साथ कांवड़ मेला 2025 की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कांवड़़ यात्रा के सफल संचालन के लिए ‘उत्तराखण्ड कांवड़़ सेवा एप’ बनाने के निर्देश दिए। कहा कि एप में कांवड़ियों की सभी डिटेल उपलब्ध कराई जाए।
इस एप का उपयोग हर वर्ष कांवड़़ यात्रा के दौरान किया जा सकेगा। इससे कांवड़़ यात्रा पहले से अधिक सुगम और सुरक्षित हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कांवड़़ यात्रा के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और अन्य संबंधित विभागों को चाक चौबंद व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन राज्यों से अधिकांश कांवड़िए आते हैं, उनसे परस्पर समन्वय, रियल टाइम डाटा शेयरिंग और सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक इनपुट्स साझा किए जाएं। सीएम ने कांवड़ यात्रा को आगामी कुंभ मेले का ट्रायल बताते हुए कहा कि ये अनुभव आगामी कुंभ मेले भी काम आएंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कांवड़़ यात्रा मार्गो पर कोई अतिक्रमण न हो। यात्रा से पहले सभी अतिक्रमणों को हटाया जाए। यात्रा मार्ग पर ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का अनुपालन कराने, फूड लाइसेंस और रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा किए जाएं।
उन्होंने कहा कि होटलों के नाम, होटल स्वामियों के नाम भी अनिवार्य रूप से लिखे हों। ओवररेटिंग पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस दौरान शराब व मांस से संबंधित एसओपी का सख्ती से पालन हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हमने क्लीन और ग्रीन कांवड़़ यात्रा का संदेश देना है। स्वच्छता हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जिसके लिए संपूर्ण कांवड़ मार्गो पर हर घंटे सफाई अभियान चलता रहे। हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में हर 1-2 किलोमीटर पर मोबाइल टॉयलेट, कूड़ा निस्तारण के लिए विशेष गाड़ियों की तैनाती की जाए।
उन्होंने कहा कि कांवड़़ रूट पर हर 2 से 3 किलोमीटर के अंदर स्वास्थ्य केंद्र, एम्बुलेंस और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएं, जिससे आमजन को सहूलियत हो। कहा कि कावड़ियों की सुविधा को देखते हुए स्थानीय निकायों के सहयोग से रैन बसेरों, टैंट सिटी, आश्रय स्थलों का निर्माण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीसीटीवी और ड्रोन से नियमित निगरानी हो। कांवड़़ रूट का जीआईएस मैपिंग आधारित ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए। एआई आधारित ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया जाए। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की तैनाती, बारिश और भूस्खलन की पूर्व चेतावनी प्रणाली सक्रिय की जाए। संवेदनशील घाटों पर एनाउंसमेंट सिस्टम भी मजबूत किया जाए।
बैठक में राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, विधायक मदन कौशिक, प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, ममता राकेश, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, मेयर किरण जेसल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश झा, पंकज पांडेय, विनोद कुमार सुमन, विनय शंकर पांडे, डीएम मयूर दीक्षित, उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण विनय रूहेला, दर्जा राज्यमंत्री ओम प्रकाश जमदग्नि, शोभाराम प्रजापति, सुनील सैनी, श्यामवीर सैनी, जयपाल सिंह चौहान, देशराज कर्णवाल, गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम, बीजेपी जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा आदि मौजूद रहे।