नकली दवा पर एक्शन होगा तेज

देहरादून: उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य में औषधि निरीक्षक ग्रेड-2 के 18 नए पदों पर नियुक्ति आदेश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी नव-नियुक्त औषधि निरीक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए जनहित में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करने की अपील की।
स्वास्थ्य सचिव एवं खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड के प्रमुख डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह नियुक्तियां चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड के माध्यम से की गई हैं। नव-नियुक्त अधिकारियों को दो वर्षों की परिवीक्षा अवधि पर तैनात किया गया है और सभी को तत्काल अपने तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा यह कदम राज्य में औषधि प्रशासन को मजबूत करने और जनता तक गुणवत्तापूर्ण दवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इन नियुक्तियों से राज्य की फार्मास्यूटिकल सप्लाई चेन की मॉनिटरिंग मजबूत होगी और औषधि नियंत्रण व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
स्वास्थ्य सचिव ने आगे कहा कि नए औषधि निरीक्षकों की तैनाती से उत्तराखण्ड में नकली और अवैध दवा माफिया पर कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य में गैर-कानूनी रूप से बिकने वाली और घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं की रोकथाम करना है। उन्होंने कहा कि औषधि निरीक्षकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में औषधि विक्रेताओं और कंपनियों की नियमित जांच करें और किसी भी अनियमितता पर त्वरित कार्रवाई करें।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि औषधि निरीक्षकों को आधुनिक तकनीकों और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे बाजार में मिलने वाली सभी दवाओं की गुणवत्ता पर बारीकी से नजर रखी जा सके। सरकार अवैध रूप से बिकने वाली एंटीबायोटिक्स, पेन किलर्स और अन्य नियंत्रित दवाओं की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।मख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने आज उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के आईटी पार्क स्थित कार्यालय में प्राधिकरण की गतिविधियों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्य सचिव ने राज्य के अस्पतालों के डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान की स्थिति का अपडेट लेते हुए सभी अस्पतालों के डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान को एक माह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने महानिदेशक स्वास्थ्य के कार्यालय में आपदा प्रबन्धन हेतु नोडल अधिकारी की तत्काल तैनाती के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ जिला अस्पतालों की आपदा प्रबन्धन रणनीति व वर्किंग प्लान पर बैठक करते हुए इस मुद्दे पर स्वास्थ्य महकमे को सेंसिटाइज करने के भी निर्देश दिए।
भूकम्प संवेदी राज्य होने के दृष्टिगत मुख्य सचिव ने आपदा प्रबन्धन विभाग को एनडीएमए के सहयोग से जल्द ही भूकम्प सम्बन्धित माॅक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह माॅक ड्रिल सभी जिला मुख्यालयों में भी आयोजित करने के निर्देश दिए। आपदा प्रबन्धन के प्रशिक्षण को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्य सचिव ने आपदा प्रबन्धन विभाग को विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग से समन्वय करते हुए सभी निजी एवं सरकारी स्कूल-काॅलेजों में प्रत्येक तिमाही, एक दिन आपदा प्रबन्धन पर विशेष रूप से भूकम्प से सम्बन्धित अनिवार्यतः माॅक ड्रिल करवाने के निर्देश दिए।
भूस्खलन जैसी बड़ी आपदाओं के सम्बन्ध में चारधाम यात्रा मार्ग पर पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव ने यात्रा मार्ग पर रीयल टाइम वार्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा प्रबन्धन विभाग आवास के निर्माण से सम्बन्धित दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करवाने के सम्बन्ध में निर्देश जारी करे।
इस दौरान बैठक में सचिव एवं अपर सचिव आपदा प्रबन्धन और उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के विभिन्न अधिकारी तथा विशेषज्ञ मौजूद रहे।